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Welcome in Sonma

Sonma is a small village at Bathnaha block of Sitamarhi district of Bihar state in north India. Actualy this Village is known as Jujharpatti in old years But now it's called Sonma. This is satuated about 2 km south from Bathnaha bazar. Near NH-104, Sitamarhi-sursand road.

Sonma is now divided in four small parts: north sonma, south sonma, tin-tolwa, and sonma math. The north part from Govt. Middle School, Sonma is known as North sonma and the south part is known as South sonma. Tin tolwa is about 100 mtr. east from south sonma whereabout Sonma math is satuated 150 mtr. south-east from south sonma.

Chakwa, Majhoura, Majhganv (alson known as majgama) and Hanumannagar are neighbour villages of sonma.

However, village is divided in four parts But, unity is not divided. All villagers living brotherly. They has strong unity of youths. Thesedays youths are much active to develop this village.

Agriculture is the main occupation of villagers. Yet, some people have govt. jobs and some have personal business. But most of youngers living in other states to earn money because they have no work in this village which may be source of earn money.

Education is developing in a better speed than back years. Now litracy rate is so good. All students getting higher education from school and colleges. Now girls is also going to colleges for her higher education and her parients has prouds of them.

There are two religion of people living in sonma. They are Hindus and Muslims. They are living brotherly and also share his thaught with each other. They called each other as: Hi... Basir bhai, how are you? They got answer as: Salam walcum..! I am fine.... How are you Master sahab? that's them feelings.


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आप सभी को वसंत-पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

आप सभी को वसंत-पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। माँ सरस्वती हम सभी को सुमति देँ साथ ही साथ किसी भी संभावित कुमार्ग से बचायेँ और सुमार्ग की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेँ।

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कल शाम लगभग 08:30 PM बजे तक वर्षा और तेज हवा के बीच माँ दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन का कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। जुलूस मेँ लगभग 175 लोग शामिल थे।
15/10/2013
06:07 AM

अभी अभी माँ दुर्गापूजा समिति, सोनमा के आपातकालीन बैठक मेँ लिए गये निर्णयानुसार आज शाम 06:15 PM मेँ प्रतिमा विसर्जन का जुलूस निकाला जायेगा जो पूर्व निर्धारित मार्ग से ही गुजरकर सोनमा और चकबा के बीच (घोड़ी देवी मन्दिर के नजदीक) से बहने वाली नदी मेँ विसर्जित की जायेगी। इस जुलूस मेँ किसी प्रकार का कोई साउण्ड सिस्टम का उपयोग नहीँ किया जायेगा तथा दो ट्रैक्टरोँ का उपयोग किया जायेगा। जुलूस मेँ बच्चोँ को जाने से मना किया गया है क्योँकि वर्षा और तुफान के कारण सड़क खराब हो चुकी है। बैठक मेँ पूजा समिति के सदस्योँ के अलावा गाँव के कुछ बुजुर्ग व्यक्ति भी शामिल थे।
14/10/2013
05:30 PM

आज दशमी को सवेरे से ही जोरदार आंधी तुफान के साथ घनघोर वर्षा हो रही है जिसके कारण पूजा विसर्जन मेँ काफी कठिनाईओँ का सामना करना पड़ा हालांकि 12:30 PM तक पूजा विसर्जन हो गया परंतु प्रतिमा विसर्जन के समय का निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी नया समय अभी तक निर्धारित नहीँ किया जा सका है। लोग घर से बाहर नहीँ निकल पा रहे है। गाँव मेँ जहाँ तहाँ पेड़ पौधे गिरे पड़े है।
14/10/2013

आज नवमी को सवेरे पूजा के बाद से ही श्रद्धालुओँ का आना जाना लगा हुआ है हालांकि वर्षा के कारण भक्तगणोँ को परेशानियोँ का सामना करना पड़ रहा है परंतु लोगोँ का माताजी के दरबार मेँ आना जाना लगातार बना हुआ है। भक्तगण मुख्य रुप से बताशा का प्रसाद चढ़ाते है कुछ महिलाएँ माताजी को चुनरी से खोँईछ भरती भी दिखाई दे रही है। पूजा गाँव मेँ होने के कारण तथा किसी प्रकार के मनोरंजक कार्यक्रम के नहीँ होने के कारण कोई बड़ा मेला नहीँ लगा हुआ है परंतु मुढ़ी कचड़ी के साथ बच्चोँ के लिए खिलौना जरुर मिल रहा है। आज शाम को हवन किया जायेगा जिसके लिए समिति के सदस्य लकड़ी की व्यवस्था मेँ लगे हुए है।

अभी अभी मिली जानकारी के अनुसार आज महाअष्टमी से पूरे गाँव मेँ लाईट की व्यवस्था की जा रही है ताकि श्रद्धालुओँ को आने जाने मेँ कोई परेशानी न हो।

आज महाअष्टमी को रात के लगभग 01:00 AM बजे निशा पूजा आरंभ किया गया जो लगभग 04:15 AM मेँ संपन्न हुआ। इसके बाद नित्य होने वाली महादेव पूजन किया गया। अभी माताजी के आठवेँ स्वरुप की पूजा की तैयारियाँ की जा रही हैँ।

आज सप्तमी को सवेरे लगभग 08:10 AM मेँ माँ दुर्गा की आँख खुलने के बाद से लगातार भक्तोँ का आना जाना लगा हुआ हैँ।

और अंतत: 04:30 PM बजे यह जुलूस सोनमा और चकबा के बीच स्थित नदी पर पहुँची जहाँ से कन्याएँ कलश भरकर 05:15 PM बजे पंडाल की ओर प्रस्थान की तथा 05:45 PM बजे माताजी के दरबार मेँ पहुँची जहाँ उपवास किए हुए लोगोँ द्वारा कन्याओँ के पैर धोने के लिए बड़ी संख्या मेँ भीड़ लगी हुई थी। इसके बाद कलश को माताजी के दरबार मेँ रखा गया तथा कन्याओँ को भोजन कराया गया। भोजन के बाद कन्याओँ की विदाई की गयी। तत्पश्चात कुछ ही क्षणोँ के बाद माँ की डोली मंगाई गयी और बेल न्योतन के लिए जुलूस निकली जो सर्वप्रथम महारानीस्थान पहुँची जहाँ महारानी पूजन के बाद वह जुलूस पुन: पंडाल के निकट से ही गुजरते हुए पंडाल से लगभग 50 मीटर पश्चिम स्थित मणी कोचिंग सेन्टर के पास बेल न्योतन किया गया जो कार्यक्रम लगभग 12:30 AM मेँ संपन्न हुआ। जुलूस मेँ लगभग 200-250 भक्तगण लाठी डंडो के साथ शामिल हुए। इसके बाद जुलूस माताजी के दरबार मेँ पहुँची। डोली को स्थान देने के बाद माताजी की आरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया।
11/10/2013
01:12 AM

आज षष्टी को शोभायात्रा के लिए सवेरे 03:30 से सड़क सफाई का कार्यक्रम किया गया। इसके बाद माताजी के पूजा की गयी तथा पूजा के तुरंत बाद गाने बजाने के साथ शोभायात्रा निकाली गयी है जिसमेँ लगभग 150 कन्याएँ शामिल हुई हैँ। यह यात्रा पंडाल से शुरु होकर मझौरा होते हुए सोनमा मठ तक जायेगी इसके बाद हनुमाननगर की ओर प्रस्थान करेगी और ब्रह्मस्थान पहुँचकर वहाँ से सोनमा महारानी स्थान की ओर मुड़ जायेगी, जहाँ कन्याओँ को शर्बत तथा थोड़े समय के लिए ठहरने की व्यवस्था की गयी हैँ। धूप अधिक होने के कारण सड़क गर्म हो गयी है परंतु इससे बचाव के लिए भक्तगण लगातार सड़क पर पानी पटा रहे है। ताजा समाचार मिलने तक यह जुलूस हनुमानगर ब्रह्मस्थान तक पहुँच चुकी हैँ।

और अंतत: 04:30 PM बजे यह जुलूस सोनमा और चकबा के बीच स्थित नदी पर पहुँची जहाँ से कन्याएँ कलश भरकर 05:15 PM बजे पंडाल की ओर प्रस्थान की तथा 05:45 PM बजे माताजी के दरबार मेँ पहुँची जहाँ उपवास किए हुए लोगोँ द्वारा कन्याओँ के पैर धोने के लिए बड़ी संख्या मेँ भीड़ लगी हुई थी। इसके बाद कलश को माताजी के दरबार मेँ रखा गया तथा कन्याओँ को भोजन कराया गया। भोजन के बाद कन्याओँ की विदाई की गयी। तत्पश्चात कुछ ही क्षणोँ के बाद माँ की डोली मंगाई गयी और बेल न्योतन के लिए जुलूस निकली जो सर्वप्रथम महारानीस्थान पहुँची जहाँ महारानी पूजन के बाद वह जुलूस पुन: पंडाल के निकट से ही गुजरते हुए पंडाल से लगभग 50 मीटर पश्चिम स्थित मणी कोचिंग सेन्टर के पास बेल न्योतन किया गया जो कार्यक्रम लगभग 12:30 AM मेँ संपन्न हुआ। जुलूस मेँ लगभग 200-250 भक्तगण लाठी डंडो के साथ शामिल हुए। इसके बाद जुलूस माताजी के दरबार मेँ पहुँची। डोली को स्थान देने के बाद माताजी की आरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया।
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