और अंतत: 04:30 PM बजे यह जुलूस सोनमा और चकबा के बीच स्थित नदी पर पहुँची जहाँ से कन्याएँ कलश भरकर 05:15 PM बजे पंडाल की ओर प्रस्थान की तथा 05:45 PM बजे माताजी के दरबार मेँ पहुँची जहाँ उपवास किए हुए लोगोँ द्वारा कन्याओँ के पैर धोने के लिए बड़ी संख्या मेँ भीड़ लगी हुई थी। इसके बाद कलश को माताजी के दरबार मेँ रखा गया तथा कन्याओँ को भोजन कराया गया। भोजन के बाद कन्याओँ की विदाई की गयी। तत्पश्चात कुछ ही क्षणोँ के बाद माँ की डोली मंगाई गयी और बेल न्योतन के लिए जुलूस निकली जो सर्वप्रथम महारानीस्थान पहुँची जहाँ महारानी पूजन के बाद वह जुलूस पुन: पंडाल के निकट से ही गुजरते हुए पंडाल से लगभग 50 मीटर पश्चिम स्थित मणी कोचिंग सेन्टर के पास बेल न्योतन किया गया जो कार्यक्रम लगभग 12:30 AM मेँ संपन्न हुआ। जुलूस मेँ लगभग 200-250 भक्तगण लाठी डंडो के साथ शामिल हुए। इसके बाद जुलूस माताजी के दरबार मेँ पहुँची। डोली को स्थान देने के बाद माताजी की आरती हुई और प्रसाद वितरण किया गया।
Sonma-News: धनंजय कुमार